शीषर्क :- स्वतंत्रता
दिवस
विद्या :- कविता
स्वतंत्रता दिवस
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● लाल रक्त से धरा नहाई,
श्वेत नभ पर लालिमा छायी,
आजादी के नव उद्घोष पे,
सबने वीरों की गाथा गायी ।
● गाँधी , नेहरु , पटेल , सुभाष की ,
ध्वनि चारो और है छायी ,
भगत , राजगुरु और , सुखदेव की
क़ुरबानी से आँखे भर आई ।
● ऐ भारत माता तुझसे अनोखी ,
और अद्भुत माँ न हमने पायी ,
हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की ,
एक एक बूँद समायी।
● माथे पर है बांधे कफ़न ,
और तेरी रक्षा की कसम है खायी ,
सरहद पे खड़े रहकर,
आजादी की रीत निभाई ।।
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