Wednesday, 14 October 2020

कविता-4

 शीषर्क :- स्वतंत्रता  

दिवस 

विद्या  :- कविता 


स्वतंत्रता  दिवस 

-----------------------

● लाल  रक्त  से  धरा  नहाई,

श्वेत  नभ  पर  लालिमा  छायी,

आजादी  के  नव  उद्घोष  पे,

सबने  वीरों  की   गाथा  गायी ।


● गाँधी , नेहरु , पटेल , सुभाष   की ,

ध्वनि  चारो  और   है  छायी ,

भगत , राजगुरु  और , सुखदेव  की

क़ुरबानी  से   आँखे   भर  आई ।


● ऐ  भारत  माता  तुझसे  अनोखी ,

और  अद्भुत  माँ  न   हमने  पायी ,

हमारे   रगों  में  तेरे  क़र्ज़  की ,

एक  एक  बूँद  समायी।


● माथे  पर  है     बांधे    कफ़न ,

और  तेरी  रक्षा  की  कसम  है  खायी ,

सरहद  पे  खड़े  रहकर,

आजादी  की  रीत  निभाई ।।


No comments:

Post a Comment

🖼अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 🖼...

 1. जिसके आने की तिथि ज्ञात न हो – अतिथि 2. जिसका जन्म बाद/पीछे हुआ हो – अनुज 3. वह हथियार जो फेंककर चलाया जाय – अस्त्र 4. जो अर्थशास्त्र का...