Wednesday, 3 September 2025

अपने बुजुर्गों का सम्मान करें....

 बुज़ुर्ग बूढ़े हो रहे हैं



दौड़ता समय-चक्र गति से 

तोड़ता मन मोह मति से

नेत्र नम हो ताकते - से, ख़ुद को जैसे खो रहे हैं । 

बुज़ुर्ग बूढ़े हो रहे हैं।



वक़्त जाना है सुनिश्चित 

वक़्त उनको भी दो किंचित 

जिनको जीवन देते आए बाट उनकी जोह रहे हैं।

 बुज़ुर्ग बूढ़े हो रहे हैं।



कोई सपने अब न बाक़ी 

हाय ! अपने अब न बाक़ी

 तुमको जो गोदी खिलाए, स्मृति सब वो संजो रहे हैं। 

बुज़ुर्ग बूढ़े हो रहे हैं।



चित्र ही होगा निशानी

 झुर्रियों की अब पेशानी 

उन चरण लौटो तथापि या कि बस दो पल रहे हैं।

बुज़ुर्ग बूढ़े हो रहे हैं



(यह कंठस्थ app द्वारा कविता का अंग्रेज़ी अनुवाद है)

old people are getting old 



 running time-cycle speed 

 breaking with love 

 the eyes are becoming moist, losing themselves as they are. 

 the elders are getting old. 



 time is to be sure 

 time give them a little bit 

 they are waiting for them to give their lives. 

 the elders are getting old. 



 no dreams left 

 hey !  not left now 

 the docks that feed you, the memory is all that they are preserving. 

 the elders are getting old. 



 the picture will be a sign 

 now urine of wrinkles 

 return those steps, however or that it has been just two moments. 

 the elders are getting old.






यहाँ कविता का अंग्रेजी अनुवाद है:

(AI द्वारा)


The elderly are growing old,

Time is passing swiftly, breaking the bond of mind and soul,

Their eyes are moist with tears, as if they are losing themselves.

The elderly are growing old.


Time is certain to pass, give them a little time,

Those who gave life are waiting for their turn.

The elderly are growing old.


No dreams are left now, alas! No one is left to cherish,

They are preserving memories of those who nurtured them.

The elderly are growing old.


A picture will be the only sign of wrinkles on their forehead,

Return to those feet, or just stay for a while.

The elderly are growing old.


कविता का अनुवाद करने की कोशिश की गई है, लेकिन अनुवाद में मूल कविता की भावना और सुंदरता को बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।


यहाँ कुछ नोट्स हैं जो अनुवाद को समझने में मदद कर सकते हैं:


- बुज़ुर्ग: Elderly

- दौड़ता समय-चक्र: Time passing swiftly

- नेत्र नम हो: Eyes moist with tears

- सपने अब न बाक़ी: No dreams are left now

- स्मृति सब वो संजो रहे हैं: Preserving memories

- चित्र ही होगा निशानी: A picture will be the only sign


अनुवाद में कुछ शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ थोड़ा बदल सकता है, लेकिन मूल कविता की भावना और संदेश को बनाए रखने की कोशिश की गई है।

परसाई जी की पुण्यतिथि पर समर्पित…

 मशहूर व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई जी मध्यप्रदेश के थे (होशंगाबाद में जन्मे और जबलपुर में स्वर्गलोक सिधारे)  उनके व्यंग्य की धार ऐसी है कि वक्त बीतने के साथ और तीखी हो रही है.... ... उनके अलग-अलग व्यंग्य लेखों से 20 लाइनें आपके समक्ष रखी हैं, मिर्ची से भी तीखी लगेंगी:-

 .... हरिशंकर जी का टी-20


1- लडक़ों को, ईमानदार बाप निकम्मा लगता है ।

2- दिवस कमजोर का मनाया जाता है, जैसे हिंदी दिवस, महिला दिवस, अध्यापक दिवस, मजदूर दिवस । कभी थानेदार दिवस नहीं मनाया जाता।

3- व्यस्त आदमी को अपना काम करने में जितनी अक्ल की जरूरत पड़ती है, उससे ज्यादा अक्ल बेकार आदमी को समय काटने में लगती है।

4- जिनकी हैसियत है वे एक से भी ज्यादा बाप रखते हैं । एक घर में, एक दफ्तर में, एक-दो बाजार में, एक-एक हर राजनीतिक दल में।

5-आत्मविश्वास कई प्रकार का होता है, धन का, बल का, ज्ञान का,लेकिन मूर्खता का आत्मविश्वास सर्वोपरि होता है।

6- सबसे निरर्थक आंदोलन भ्रष्टाचार के विरोध का आंदोलन होता है। एक प्रकार का यह मनोरंजन है जो राजनीतिक पार्टी कभी-कभी खेल लेती है, जैसे कबड्डी का मैच ।

7- रोज विधानसभा के बाहर एक बोर्ड पर ‘आज का बाजार भाव’ लिखा रहे। साथ ही उन विधायकों की सूची चिपकी रहे जो बिकने को तैयार हैं । इससे खरीददार को भी सुविधा होगी और माल को भी ।

8- हमारे लोकतंत्र की यह ट्रेजेडी और कॉमेडी है कि कई लोग जिन्हें आजन्म जेलखाने में रहना चाहिए वे जिन्दगी भर संसद या विधानसभा में बैठते हैं ।

9- विचार जब लुप्त हो जाता है, या विचार प्रकट करने में बाधा होती है, या किसी के विरोध से भय लगने लगता है, तब तर्क का स्थान हुल्लड़ या गुंडागर्दी ले लेती है ।

10- धन उधार देकर समाज का शोषण करने वाले धनपति को जिस दिन महा जन कहा गया होगा, उस दिन ही मनुष्यता की हार हो गई ।

11- हम मानसिक रूप से दोगले नहीं तिगले हैं । संस्कारों से सामन्तवादी हैं, जीवन मूल्य अर्द्ध-पूंजीवादी हैं और बातें समाजवाद की करते हैं।

12- फासिस्ट संगठन की विशेषता होती है कि दिमाग सिर्फ नेता के पास होता है, बाकी सब कार्यकर्ताओं के पास सिर्फ शरीर होता है ।

13- बेइज्जती में अगर दूसरे को भी शामिल कर लो तो आधी इज्जत बच जाती है।

14- दुनिया में भाषा, अभिव्यक्ति के काम आती है । इस देश में दंगे के काम आती है।

15- जब शर्म की बात गर्व की बात बन जाए, तब समझो कि जनतंत्र बढिय़ा चल रहा है।

16- जो पानी छानकर पीते हैं, वो आदमी का खून बिना छाने पी जाते हैं।

17- सोचना एक रोग है, जो इस रोग से मुक्त हैं और स्वस्थ हैं, वे धन्य हैं।

18- हीनता के रोग में किसी के अहित का इंजेक्शन बड़ा कारगर होता है।

19- नारी-मुक्ति के इतिहास में यह वाक्य अमर रहेगा कि ‘एक की कमाई से पूरा नहीं पड़ता।’

20- एक बार कचहरी चढ़ जाने के बाद सबसे बड़ा काम है, अपने ही वकील से अपनी रक्षा करना ।

*********

Guru Purnima V/S Teacher's Day...


 

किडनी की बीमारी को क्यों कहते हैं साइलेंट टाइम बम...


 

डिजिटल डिटॉक्स क्या है ?...

 


मटके का पानी पीने के हैं यह फायदे...

 


स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में क्या अंतर है ?...

पहला अंतर


15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है, फिर खोल कर फहराया जाता है, जिसे *ध्वजारोहण कहा जाता है क्योंकि यह 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने हेतु किया जाता है जब प्रधानमंत्री जी ने ऐसा किया था। संविधान में इसे अंग्रेजी में Flag Hoisting (ध्वजारोहण) कहा जाता है।


जबकि


26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है, संविधान में इसे Flag Unfurling (झंडा फहराना) कहा जाता है।


दूसरा अंतर


15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जो कि केंद्र सरकार के प्रमुख होते हैं वो ध्वजारोहण करते हैं, क्योंकि स्वतंत्रता के दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था और राष्ट्रपति जो कि राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख होते है, उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था। इस दिन शाम को राष्ट्रपति अपना सन्देश राष्ट्र के नाम देते हैं।


जबकि


26 जनवरी जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं


तीसरा अंतर


स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से ध्वजारोहण किया जाता है।


जबकि


गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर झंडा फहराया जाता है।


🙏🙏


अपने बुजुर्गों का सम्मान करें....

 बुज़ुर्ग बूढ़े हो रहे हैं दौड़ता समय-चक्र गति से  तोड़ता मन मोह मति से नेत्र नम हो ताकते - से, ख़ुद को जैसे खो रहे हैं ।  बुज़ुर्ग बूढ़े हो...